हिंदी पाठमाला ‘महकती रजनीगंधा’ का निर्माण ‘नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ तथा CBSE की परीक्षा-प्रणाली द्वारा लागू किए गए परिवर्तनों के आधार पर किया गया है।
इस लोकप्रिय श्रृंखला में पाठ्य-सामग्री बालकों की क्षमताओं, रुचियों और Learning without Borden की दृष्टि से सर्वथा उपयुक्त है। इसमें भाषा-कौशलों—सुनना, बोलना, पठन और लेखन के अंतर्गत निहित कुशलताओं के साथ-साथ चिंतन-मनन, कल्पनाशक्ति, सृजनात्मक तथा रचनात्मक योग्यताओं और अध्ययन-कौशलों (imagination, thinking, creative & study skills) के उत्तरोत्तर विकास का ध्यान रखा गया है। स्वस्थ और संपन्न जीवन जीने की कला, पर्यावरण संरक्षण, वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास जैसे केंद्रिक बिंदुओं को बढ़ावा देने का सर्वत्र प्रयास किया गया है। ‘सतत एवं व्यापक मूल्यांकन’ (Continuous and Comprehensive Evaluation) पद्धति को अपनाते हुए विभिन्न प्रकार के प्रश्नों तथा गतिविधियों का प्रावधान किया गया है।
विषय-वस्तु के प्रस्तुतीकरण में कहानी, कविता, पत्र, नाटक, निबंध, जीवनी, डायरी, संस्मरण, साक्षात्कार आदि विविध विधाओं के पाठों का चयन किया गया है। आधुनिक साहित्यकारों के साथ-साथ हिंदी के प्राचीन लेखकों की सुप्रसिद्ध रचनाएँ, अपने देश की संस्कृति की विविधता के अनुसार विभिन्न प्रदेशों, भाषाओं तथा विदेश के सुप्रसिद्ध लेखकों की रचनाएँ सम्मिलित की गई हैं।
पाठों के अंत में शब्दार्थ, मौखिक तथा लिखित प्रश्न, भाषा-ज्ञान संबंधी प्रश्न-अभ्यास दिए गए हैं। विभिन्न गतिविधियाँ और अतिरिक्त पठन (Reading for Pleasure), परियोजना-निर्माण तथा लेखक-परिचय इनकी अन्य विशेषताएँ हैं। व्यावहारिक व्याकरण के ज्ञान को आधार बनाकर नियमों को उदाहरणों द्वारा सरल और सुबोध बनाया गया है और उनपर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों (MCQs) द्वारा छात्रों की संप्राप्ति की परख भी की गई है। अंत में शब्द-कोश, प्राचीन और नवीन वर्तनी के परिवर्तित रूप, पठन-संबंधी-कौशलों, गतिविधियों तथा जीवन-मूल्यों के लिए एक तालिका भी है।