सुलेख लिखना एक कला है जो एक बार सध जाने पर जीवनभर साथ देती है। सुंदर लिखवट सभी को आकर्षित करती है। दूसरों के मोती जैसे अक्षर देखकर, सभी चाहते हैं कि हमारी लिखावट भी ऐसी ही हो।
मधुबन सुलेख पुस्तिका के सभी भाग श्रीमती संयुक्ता लूदरा ने तैयार किए हैं। इनके बारे में इतना कहना ही पर्याप्त होगा कि इनके पास एन.सी.ई.आर.टी. में कई दशकों और मधुबन एजूकेशनल बुक्स में एक दशक तक प्राथमिक कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकों के निर्माण का अनुभव है।