यह पुस्तक श्रृंखला राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी.) के नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार की गई है। सतत एवं समग्र मूल्यांकन (सी.सी.ई.) पाठ्यविधि को दृष्टिगत रखकर प्रश्न निर्माण एवं अभ्यास कार्य दिया गया है। जिससे छात्र नवीनतम विधि से विषय को सरलतापूर्वक समझें व आत्मसात कर सकें।
श्रृंखला की प्रमुख विशेषताएं –
- सरल एवं बोधगम्य भाषा में निर्देश व विषयवस्तु का प्रकाशन
- भाषिक तत्वों का क्रमश: विकास व उपयोगी अभ्यास
- विद्यार्थियों के बौद्धिक व मानसिक स्तर के अनुरूप विषयवस्तु का चयन
- भाषा के सभी कौशलों श्रवण, पठन, लेखन व वाचन के विकास का प्रयास
- चित्रों के अधिकतम संयोजन से विषयवस्तु को बोधगम्य व प्रभावशाली बनाने का प्रयास
- शुद्ध भाषा-ज्ञान एवं शुद्ध व्याकरण पर विशेष बल
- संस्कृत की ध्वनियों के शुद्ध उच्चारण हेतु उनका सूक्ष्म विवेचन
- संप्रेषणाधारित (कम्युनिकेटिव) पाठ्यक्रम के अनुरूप व्याकरण-ज्ञान का विकास
- वर्ण-विन्यास, शब्द रूप, धातुरूप, अव्यव, संख्या, उपसर्ग, सन्धि, समास, प्रत्यय, कारक व उपपद, अनुवाद व अशुद्धि संशोधनों का सोदाहरण विशद विवेचन
- अपठितांश अवबोधतम में लघु व दीर्घ दोनों प्रकार के गद्यांशों का पर्याप्त अभ्यास
- रचनात्मक कार्य के अंतर्गत पत्र लेखन, संवाद व चित्रलेखनों का विविधतापूर्ण अभ्यास, सभी प्रकार के चित्र लेखनों का समावेश